उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चयन एवं गुणवत्ता उन्नयन
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, जो वर्ष 1994 में स्थापित की गई थी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की एक स्वायत्त संस्था है, जो देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन और प्रत्यायन करती है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, के निर्देशों के अनुसार, उत्तराखंड शासन द्वारा दिनांक 26 अप्रैल 2005 को कार्यालय ज्ञाप संख्या 252/XXIV(7)2005 के माध्यम से राज्य स्तरीय गुणवत्ता सुनिश्चयन समन्वय समिति का गठन माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया गया।
इस आदेश के क्रम में, उत्तराखंड में उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन एक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ का गठन किया गया। इस प्रकोष्ठ की मुख्य जिम्मेदारियां हैं:
- राज्य के शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना।
- मूल्यांकन/प्रत्यायन प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु कार्यशालाओं का आयोजन करना।
- गुणवत्ता उन्नयन से संबंधित विभागीय कार्य योजनाएं तैयार करना।
- मूल्यांकन एवं प्रत्यायन की प्रगति की समीक्षा करना।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, की नीति के अनुसार, प्रत्येक विश्वविद्यालय और महाविद्यालय को प्रथम चक्र के प्रत्यायन के पांच वर्ष बाद पुनः प्रत्यायन कराना आवश्यक होता है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, प्रत्यायन हेतु किए गए प्रयास:
माननीय उच्च शिक्षा मंत्री, डॉ. धन सिंह रावत जी के मार्गदर्शन में राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों में गुणवत्ता उन्नयन एवं नवाचार विषय पर संगोष्ठियों का आयोजन किया गया, जिनमें राज्य सरकार द्वारा नामित प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया।
22 मई 2019 को देहरादून में रूसा परियोजना के अंतर्गत आयोजित राज्य स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की बैठक की संस्तुतियों के अनुसार, महाविद्यालयों के प्राचार्यों की कई बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, मूल्यांकन एवं प्रत्यायन की प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं पर चर्चा कर उनके समाधान हेतु संस्तुतियाँ दी गईं।
मूल्यांकन एवं प्रत्यायन प्रक्रिया को गति प्रदान करने हेतु, 26 सितंबर 2019 को एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय के तत्वावधान में मूल्यांकनकर्ताओं के लिए एक क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद,विशेषज्ञों ने भी भाग लिया।
रूसा निदेशालय के द्वारा राज्य के चार महाविद्यालयों – रानीखेत, एमबी गवर्नमेंट पीजी कॉलेज हल्द्वानी, कोटद्वार, तथा अगस्त्यमुनि में चार क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इन कार्यशालाओं में प्रशिक्षण के साथ-साथ महाविद्यालयों में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, प्रक्रिया हेतु समितियों का गठन किया गया।
राज्य स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा 28 अगस्त 2018 को देहरादून में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य के दोनों मंडलों के 14 महाविद्यालयों का उच्चस्तरीय नैक समिति द्वारा निरीक्षण किया गया।
राज्य स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ ने नैक प्रत्यायन प्रक्रिया से संबंधित न्यूज़लेटर एवं 6 मैनुअलों का प्रकाशन भी किया।
शासनादेश संख्या 134/XXIV-C-2/2021-56 (2) 19 दिनांक 29 जनवरी 2021 के माध्यम से राज्य के 13 राजकीय महाविद्यालयों के नैक प्रत्यायन हेतु अधोसंरचना विकास एवं अन्य आवश्यक व्ययों के लिए ₹1.00 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई।
वर्तमान स्थिति:
वर्तमान में उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन:
- 1 राज्य विश्वविद्यालय,
- 5 निजी विश्वविद्यालय,
- 19 शासकीय महाविद्यालय, एवं
- 5 अशासकीय महाविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद, द्वारा प्रत्यायन प्राप्त कर चुके हैं।
अन्य शासकीय महाविद्यालयों, जहां भूमि, भवन एवं अन्य आवश्यक अधोसंरचनाएं उपलब्ध हैं, को भी नैक प्रत्यायन कराने हेतु सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं।