हिंदी एसएलएम
सेमेस्टर I | पत्र I (प्राचीन और भक्ति काल काव्य) | लिंक | पत्र II (हिंदी भाषा: व्याकरण) | लिंक |
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अध्यान I | प्राचीन हिंदी काव्य: परिचय और इतिहास | ध्वनिविज्ञान: हिंदी वर्णमाला – उच्चारण और स्वर तथा व्यंजन का वर्गीकरण | ||
अध्यान II | भक्ति काल हिंदी काव्य: भक्ति आंदोलन, मुख्य सिद्धांत, निरगुण काव्य – ज्ञान मार्ग, प्रेम मार्ग, सगुण काव्य – राम भक्ति, कृष्ण भक्ति, सूफी काव्य | भक्ति काल, भक्ति आंदोलन, भ्रमर गीत सार | हिंदी अक्षर विज्ञान: मानकीकरण, शब्दों और वर्तनी का विश्लेषण, सामान्य गलतियाँ और सुधार | |
अध्यान III | चंद बरदाई और उनका काव्य | शब्द अध्ययन: व्याकरण के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण (संवर्धित और अव्यक्त शब्द) | ||
अध्यान IV | कबीर और उनका काव्य | कबीर दास, कबीर के काव्य में सामाजिक जागरूकता | हिंदी शब्द निर्माण – संधि, उपसर्ग, प्रत्यय, शब्दों की परिभाषा, संरचना के आधार पर शब्दों का प्रकार – मूल, संयुक्त, व्युत्पन्न; इतिहास के आधार पर – तत्सम, तद्भव, देसी, स्थानीय, विदेशी, मिश्रित शब्द; अर्थ के आधार पर – पर्यायवाची, विलोम, बहुर्थक शब्द, वाक्यांश के लिए एक शब्द | भाषा और व्याकरण |
अध्यान V | जयसी और उनका काव्य | जयसी के काव्य की व्याख्या, जयसी के काव्य का संदेश, जयसी | तकनीकी शब्दावली: अवधारणा, परिभाषा, अंग्रेजी तकनीकी शब्दों के हिंदी समकक्ष और इसके विपरीत | |
अध्यान VI | सूरदास और उनका काव्य | सूरदास | विराम चिह्न और उनका उपयोग | |
अध्यान VII | तुलसीदास और उनका काव्य | वाक्य संरचना, वाक्य प्रकार, वाक्य विश्लेषण, वाक्य संश्लेषण, वाक्य सुधार |
सेमेस्टर II | पत्र II (हिंदी भाषा और लेखन कौशल) | लिंक |
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अध्यान I | हिंदी भाषा का विकास एवं लिपियाँ | |
अध्यान II | हिंदी भाषा की विशेषताएँ | |
अध्यान III | संप्रेषण: स्वरूप और प्रकार | |
अध्यान IV | रचनात्मक लेखन | |
अध्यान V | अनौपचारिक लेखन: निजी पत्र, डायरी, निबंध | |
अध्यान VI | औपचारिक लेखन: औपचारिक पत्र, सूचना लेखन, विज्ञापन लेखन | |
अध्यान VII | आधिकारिक भाषा और अनुवाद |
सेमेस्टर III | प्रथम पत्र (रीति कालीन काव्य और साहित्यालोचना) | लिंक | द्वितीय पत्र (हिंदी भाषा: स्वरूप) | लिंक |
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इकाई I | रीति कालीन काव्य की प्रवृत्तियाँ | हिंदी भाषा का उद्भव और विकास | हिंदी में कहानी कहने की परंपरा का उद्भव और विकास | |
इकाई II | रीति काल का परिचय: इतिहास और विकास | हिंदी की शैलियाँ – हिंदी, हिंदुस्तानी, उर्दू | ||
इकाई III | रीति काल के प्रमुख कवि: 1. केशवदास (रामचंद्रिका से 10 पद) 2. बिहारी (सतसई से 25 दोहे) 3. देव (ऋतु, प्रेम, वियोग, भक्ति, अध्यात्म पर 20 पद) 4. घनानंद (15 पद) 5. भूषण (शिवाजी की वीरता पर 10 पद) | हिंदी की उपभाषाएँ और बोलियाँ – हिंदी, हिंदुस्तानी, उर्दू: 1. पश्चिमी हिंदी 2. पूर्वी हिंदी 3. राजस्थानी 4. बिहारी 5. पहाड़ी और उनकी उपभाषाएँ | ||
इकाई IV | छंद: निम्नलिखित छंदों की विशेषताएँ और उदाहरण – दोहा, चौपाई, रोला, सोरठा, सवैया, बरवै, गीतिका, हरिगीतिका, कवित्त, इंद्रवज्र, उपेन्द्रवज्र | राजभाषा, राष्ट्रभाषा, मानक भाषा, संपर्क भाषा | राजभाषा हिंदी की विशेषताएँ, हिंदी की बहुभाषिक प्रकृति: राष्ट्रभाषा से राजभाषा तक | |
इकाई V | अलंकार: निम्नलिखित अलंकारों की विशेषताएँ और उदाहरण – अनुप्रास, यमक, श्लेष, वक्रोक्ति, उपमा, रूपक, उपमेय, विभावना, संदंश, भ्रांतिमान, प्रतीप, अतिशयोक्ति, अन्योक्ति, समासोक्ति | अलंकार | हिंदी और नवीन मीडिया | रेडियो लेखन |
इकाई VI | रस: रस के अंग – स्थायिभाव, विभाव, अनुभाव, संचारीभाव। रसों के प्रकार – श्रृंगार, हास्य, वीर, अद्भुत, करुण, रौद्र, वीभत्स, भयानक, शांत, भक्ति, वात्सल्य – रसों की विशेषताएँ और उदाहरण। | रस आलोचना, रस का परिचय | देवनागरी लिपि और संख्याएँ | |
इकाई VII | शब्द शक्ति: शब्द शक्तियों का सामान्य परिचय – अभिधा, लक्षणा, व्यंजना, शैलीविज्ञान का संक्षिप्त परिचय। | निबंध लेखन | निबंध |
सेमेस्टर IV | प्रथम पत्र (नाटक और संस्मरण साहित्य) | लिंक |
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इकाई I | नाटक: विधा, उत्पत्ति और विकास | |
इकाई II | जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित ध्रुवस्वामिनी | जयशंकर प्रसाद – ध्रुवस्वामिनी |
इकाई III | संस्मरण साहित्य: अर्थ, रूप, उत्पत्ति और विकास | |
इकाई IV | संस्मरण: माखनलाल चतुर्वेदी की तुम्हारी स्मृति, अज्ञेय का स्मरण के स्मृतिकर (रायकृष्णदास), डॉ. नागेन्द्र का दादा स्वर्गीय पं. बालकृष्ण बाल शर्मा ‘नवीन’, महादेवी वर्मा का निराला भाई, रेखाचित्र: शिवपूजन सहाय का महाकवि जयशंकर प्रसाद, सेठ गोविंद दास का मखदूम बख्श, हज़ारीप्रसाद द्विवेदी का एक कुत्ता और मैना, विष्णुकांत शास्त्री का ये हैं प्रोफेसर शशांक | |
इकाई V | जीवनी और आत्मकथा | |
इकाई VI | यात्रा वृतांत एवं विवरण | |
इकाई VII | संस्मरण साहित्य की अन्य विधाएँ |
सेमेस्टर V | प्रथम प्रश्नपत्र (द्विवेदी युग और छायावादीन कविता) | लिंक | द्वितीय प्रश्नपत्र (उत्तरछायावादी हिंदी कविता) | लिंक |
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इकाई I | द्विवेदी युगीन कविता: युग प्रवृत्तियाँ, महत्त्व, संक्षिप्त इतिहास, काव्य भाषा, काव्य रूप, काव्यालोचना | प्रगतिवाद: विचारधारा, काव्य प्रवृत्तियाँ, विशेषताएँ, महत्त्व, प्रमुख कवि | ||
इकाई II | छायावादीन कविता: युग प्रवृत्तियाँ, महत्त्व, संक्षिप्त इतिहास, काव्य भाषा, काव्य रूप, काव्यालोचना | छायावाद और कामायनी, छायावाद का ऐतिहासिक पक्ष, कामायनी (लज्जा), छायावाद – परिभाषा, प्रमुख लेखक, काव्य विशेषताएँ | प्रयोगवाद: विचारधारा, काव्य प्रवृत्तियाँ, विशेषताएँ, महत्त्व, प्रमुख कवि | |
इकाई III | अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध (माँ की ममता, सच्चे देवते, साहसी) | नई कविता: विचारधारा, प्रवृत्तियाँ, विशेषताएँ, महत्त्व, प्रमुख कवि | ||
इकाई IV | मैथिलीशरण गुप्त (पंचवटी) | समकालीन हिंदी कविता: विविध विचारधाराएँ, प्रवृत्तियाँ, विशेषताएँ, महत्त्व, प्रमुख कवि | ||
इकाई V | जयशंकर प्रसाद (आँसू और गीत) | कविताएँ और व्याख्या – 1. अज्ञेय (कलगी बाजरे की, यह दीप अकेला) 2. मुक्तिबोध (भूल-गलती, एक राग का राग) 3. नागार्जुन (कालिदास, अकाल और उसके बाद) 4. शमशेर बहादुर सिंह (सूना-सूना पथ है उदास झरना, वह सलोना जिस्म) 5. कुँवर नारायण (नचिकेता) 6. भवानीप्रसाद मिश्र (कहीं नहीं बचे, गीतफरोश) 7. सर्वेश्वरदयाल सक्सेना (मैंने कब कहा, हम ले चलेंगे) 8. केदारनाथ सिंह (रचना की आधी रात, फ़र्क नहीं पड़ता) | उत्तरछायावादी हिंदी कविता | |
इकाई VI | सुमित्रानंदन पंत (परिवर्तन और प्रथम रश्मि) | सुमित्रानंदन पंत, प्रथम रश्मि – सुमित्रानंदन पंत | ||
इकाई VII | सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला (वंदना, जूही की कली, वह तोड़ती पत्थर) | |||
इकाई VIII | महादेवी वर्मा (गीत – धीरे-धीरे उतर क्षितिज से…, बीन भी हूँ मैं…, लाए कौन सन्देश नये घन…, केर का प्रिय आज पिंजर खोल दो…, हे चिर महान…, सब बुझे दीपक जला लूं) |
सेमेस्टर VI | प्रथम प्रश्नपत्र (हिंदी निबंध) | लिंक | द्वितीय प्रश्नपत्र (लोक साहित्य) | लिंक |
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इकाई I | निबंध लेखन: भूमिका, स्वरूप, संरचना, प्रकार, उत्पत्ति और विकास | लोक साहित्य – अर्थ और परिभाषा, लोक साहित्य, लोक साहित्य का वर्गीकरण | लोक साहित्य: परिभाषा, स्वरूप, लोक संस्कृति के अध्ययन की प्रक्रिया, संकलन की विधियाँ एवं समस्याएँ | उपन्यास और कहानियाँ |
इकाई II | बालकृष्ण भट्ट – आरम्भ (साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है) | लोक गीत: अर्थ और स्वरूप, अनुष्ठान गीत, व्रत गीत, श्रम परिहार गीत एवं ऋतु गीत | ||
इकाई III | चंद्रशेखर शर्मा गुलेरिया – नीति चिंतन (कछुए का धर्म) | लोक नाटक: अर्थ और स्वरूप, लीला के विविध रूप, स्वांग, यक्षगान, भवई, नृत्य, तमाशा, नौटंकी, जात्रा, कथकली | ||
इकाई IV | रामचंद्र शुक्ल – साहित्य (कविता क्या है?) | लोक कथाएँ: अर्थ और स्वरूप, प्रकार – व्रतकथा, परीकथा, नागकथा, बोधकथा, कथानक रूप और महत्त्व | लोक कथाएँ: संरचना और महत्त्व | |
इकाई V | महादेवी वर्मा – नारी (जीवन की कला) | लोक गाथाएँ: अर्थ और स्वरूप, उत्पत्ति, परंपरा, सामान्य प्रवृत्तियाँ, प्रमुख लोक गाथाएँ – राजुला-मालूशाही, गोरा-महेश्वरी, तीलू रौतेली | ||
इकाई VI | हजारीप्रसाद द्विवेदी – संस्कृति (अशोक का फूल) | |||
इकाई VII | हरिशंकर परसाई – व्यंग्य (फुटपाथों का जमाना) | |||
इकाई VIII | विद्यानिवास मिश्र – ललित (अस्तित्व की पुकार) |